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हरतालिका पूजा विधि, सामग्री, Hartalika puja vidhi in Hindi, samagri : हरतालिका तीज को इस नाम से इसलिए जाना जाता है क्योंकि इससे जुड़ी एक पौराणिक कथा है। हरतालिका शब्द "हरत" और "आलिका" से बना हुआ है जिसका अर्थ क्रमशः "अपहरण" और "महिला मित्र या सखी " है। हरतालिका का अर्थ है - सखी द्वारा अपहरण।
पूरी कथा यहां पढ़ें - हरतालिका कथा | Hartalika katha
हरतालिका पूजा विधि - Hartalika puja vidhi
हरतालिका पूजा विधि (Hartalika puja vidhi) जानने से पहले हम हरतालिका पूजा विधि में प्रयोग होने वाली सामग्री की लिस्ट देख लेते हैं जिससे हमारे पास पूजा का सारा सामान हो ।
हरतालिका पूजा विधि सामग्री | Hartalika puja vidhi samagri | हरतालिका पूजा सामग्री | Hartalika puja samagri
- गीली काली मिट्टी या बालू रेत, सुपारी, 5 पान के पत्ते
- बेलपत्र, शमी पत्र, केले का पत्ता, धतूरे का फल एवं फूल, आंक का फूल, मंजरी, दूब (नयी ताजी घास)
- जनैऊ, नाड़ा, वस्त्र, अक्षत (साबुत चावल),रोली
- पाँच प्रकार के फल एवं फूल पत्ते, श्रीफल, मिठाई और मेवे
- कलश, अबीर, हल्दी, चंदन, घी-तेल, कपूर, कुमकुम, दीपक, फुलहरा, विशेष प्रकार की 16 पत्तियां
- सुहाग पिटारा
हरतालिका पूजा विधि - Hartalika puja vidhi
- हरतालिका व्रत की पूजा के लिए सबसे पहले एक लाल कपड़ा बिछाएं और
- फिर उस पर भगवान शिव की मूर्ति या फोटो रखें।
- भगवान के अभिषेक के लिए एक थाली भी रखें।
- इसके बाद सफेद चावल से अष्टकमल बनाएं और उस पर दीप कलश रखें।
- अब कलश पर स्वस्तिक बनाएं और कलश को जल से भरकर उसमें सुपारी, सिक्का और हल्दी डालें।
- फिर कलश के ऊपर 5 पान के पत्ते रखें और कलश के ऊपर चावल से भरी कटोरी और एक दीपक भी रखें।
- अब पान के पत्ते पर अक्षत (साबुत चावल) रखें और उस पर गौरी जी और गणेश जी को रखें।
- इसके बाद आप पूजा शुरू कर सकते हैं।
- अब दूब, चावल और रोली चढ़ाएं और सभी देवताओं को दीप कलश का तिलक लगाएं।
इतना करने के बाद षोडपचार विधि से पूजा आरंभ करें
- सबसे पहले आप हाथ जोड़कर कहें कि हे प्रभु आप हमारी पूजा में अवश्य आएं।
- भगवान को आसन पर बिठाएं और फूल और जल भी चढ़ाएं।
- फिर हाथ में जल लेकर मंत्र का जाप करें और जल को भगवान के चरणों में अर्पित करें।
- मंत्र को तीन बार पढ़ें और आचमन करें, फिर अपने हाथ धो लें।
- अब एक थाली में जल भरें और भगवान शिव को स्नान कराएं, फिर उन्हें साफ कपड़े से पोंछकर उनका श्रृंगार करें।
- मौली को वस्त्र और माला, जनेऊ, माला, पगड़ी आदि के रूप में धारण करें।
- फिर इत्र छिड़कें और चंदन, धूप, फूल, दीप, पान के पत्ते पर फल, मिठाई और मेवे आदि चढ़ाएं।
- शमीपत्री, बेलपत्र, 16 प्रकार के पत्ते आदि चढ़ाएं।
- फिर हरतालिका तीज व्रत की कथा सुनें या पढ़ें।
- अंत में आरती करें. इस प्रकार यह पूजा संपन्न हो जायेगी।
हरतालिका पूजा की तैयारी
- महिलाएं सुबह जल्दी उठकर सिर धोती हैं।
- शाम को स्नान करके भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करना भी हरितालिका तीज की रस्मों में से एक है।
- पूजा के दौरान देवी पार्वती को विवाहित महिलाओं को दी जाने वाली सभी चीजें जैसे काजल, मेहंदी, कुमकुम, हल्दी, फूल आदि के साथ साड़ी चढ़ाई जाती है।
- भगवान शिव को धोती और उत्तरीयम चढ़ाया जाता है।
- उपरोक्त सभी काम करने के बाद हरितालिका तीज व्रत कथा पढ़ी या सुनी जाती है।